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अमित तो बहुत अनभवाला मर था, इसके तो शादी भी हो गी थी और इसके अलावा भी उसने कई लड़कीं को चिदाई गी थी।
खैर उसने मुझे विस्तर पर लेटाया और एक चटके में मेरी चट्टी निकाल दी।
मैं अपने दोनों हाथों से अपनी चूद को चुपाने लगी, अमित मेरे हाथों को अलग करते वे चूद के दर्शन कर ही लिये।
देखो मेरी चूद भले काली थी, बगर आकार में काफी चोटी और गद्राई हूँ।
चूद की फाकेट काफी फुली हुई थी, और आज ज्ञाट नहीं थे न, तो एक अलग ही ग्लू आ रहा था।